आज हम कोशिका विभाजन के लाभ के बारे में जानेंगे। कोशिका क्या होती है इसके बारे में हम पहले ही जान चुके हैं। और हम ये भी जानते है कि सभी जीवधारियों का विकाश एक ही कोशिका से हुआ है।
कोशिका ही अपने आप को विभाजित करती है और अनेक नए रूप बनाती है। इसी के आधार पर ही कोशिका विभाजन होता है और ये सृष्टि अपने स्वरूप में आती है। तो आइए देखते है:
कोशिका विभाजन (Cell Division ) क्या है?
सभी जीवधारियों का विकाश एक ही कोशिका से हुआ है। जीव का शरीर जितना बड़ा होता है उसमें कोशिकाओं की संख्या उतनी ही अधिक होती है। कोशिका इस प्रकार से विभाजन करती है कि शरीर की सभी कोशिकाओं में उपस्थित गुणसूत्र की संख्या समान बनी रहती है.
क्योंकि किसी भी कोशिका के विभाजन में सर्वप्रथम केंद्रक में क्रोमोसोम या गुणसूत्र तत्पश्चात कोशिका द्रव्य बटता है।
किसी कोशिका का विभाजन केंद्रक से शुरू होता है। सर्वप्रथम केंद्रक में मौजूद गुणसूत्र संख्या में दोगुनी हो जाते हैं। इसके बाद यह कोई सूत्र बराबर बराबर मात्रा में पड़ जाते हैं और दो अलग-अलग केंद्रक बन जाते हैं।
इसके बाद कोशिका द्रव्य दो भागों में विभाजित होता है तथा दो छोटी छोटी गोल कोशिकाएं बन जाती है। इस प्रकार से इन सभी नई बनी कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या एक समान ही रहती है।
जनन कोशिका विभाजन कुछ अलग प्रकार से होता है। जन्म कोशिकाओं के विभाजन के समय मात्र कोशिका से चार पुत्री कोशिका का जन्म होता है। तथा इनमें गुणसूत्रों की संख्या आधी होती है।
जबकि शरीर की जो सामान्य कोशिकाएं होती है उनमें से एक कोशिका के विभाजन होने पर दो नई कोशिकाएं बनती है। लेकिन जन्म कोशिकाओं के विभाजन के समय एक कोशिका से 4 नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। इसीलिए इन में गुणसूत्र की संख्या आधि हो जाती है।
कोशिका विभाजन के लाभ
कोशिका विभाजन से हमारे शरीर में नई ऊर्जा का संचरण होता है। पुरानी कोशिका की मरम्मत होती है और नई कोशिका बनती है। जैसे की घाव का भरना, बीमारी का ठीक होना, बच्चों का बड़ा होना सभी कोशिका विभाजन के उधारण है।
कोशिका विभाजन का महत्व
1. शारीरिक विकाश
किसी भी जीव का विकास मां के गर्भ में एकमात्र कोशिका से ही शुरु होता है। यह एकमात्र कोशिका की विभाजित होकर एक स्वस्थ शिशु का निर्माण करती है। जब शिशु का जन्म हो जाता है उसके बाद भी यह कोशिका नहीं कोशिकाएं बनाती रहती है और बच्चों में विकास की प्रक्रिया का शुभारंभ होता है।
लगभग आधी उम्र के बाद नई कोशिकाओं के बनने तथा पुरानी कोशिकाओं के नव निर्माण की प्रक्रिया थोड़ी धीमी पड़ जाती है इसीलिए बचपन से जवानी जवानी जवानी से बुढ़ापा धीरे-धीरे आता है।
2. गुणो का स्थानांतरण
कोशिकाओं के विभाजन के कारण ही गुणों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरण होता है। क्योंकि सभी के शरीर में एक ही कोशिका होती है जो बार-बार विभाजित होकर नए-नए स्वरूप लेती है।
यही कारण है कि माता-पिता की बीमारी, आदत, और शारीरिक बनावट उनके बच्चों में भी स्थानांतरित हो जाती है। और यही क्रम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है।
3. छतिपूर्ति एवं नवीन कोशिकाओं का निर्माण
नवीन कोशिकाओं का निर्माण और पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत भी कोशिका विभाजन के कारण ही संभव है। आपने देखा होगा जब हमारे शरीर में कहीं चोट लग जाती है या कट जाता है तो वहां पर एक घाव बन जाता है।
लेकिन धीरे-धीरे वह घाव भरने लगता है और हम दोबारा से स्वस्थ हो जाते हैं। इसका कारण यही है कि हमारे शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण अच्छे तरीके से हो रहा है।
जब हम बहुत ज्यादा मेहनत का काम करके थक जाते हैं तो उसके बाद हमें आराम करने की जरूरत पड़ती है। इस समय में हमारे शरीर की कोशिकाएं विभाजन के द्वारा पुरानी शिथिल कोशिकाओं की मरम्मत करती हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण करती है।
यही कारण है कि जब हम आराम करके उठते हैं तो हमें अपने शरीर में एक नई ऊर्जा का एहसास होता है। यह एहसास हमें कोशिका के विभाजन से ही मिलता है।