जीवित तथा अजिवित में अन्तर इस संसार की सभी दोस्तों को मूल रूप से दो भागों में बांटा गया है जिनमें से एक को हम जीवित ज्ञात सजीब कहते हैं। तथा दूसरी को जीवित या निर्जीव कहते हैं। उदाहरण के तौर पर मनुष्य, पशु, और पक्षी सभी जीवित वस्तु है। इसके विपरीत धातुएं, पत्थर, मिट्टी, मकान, इत्यादि सभी निर्जीव वस्तु होती हैं।
जीवित तथा अजिवित में अन्तर
जो वस्तुएं अपनी स्वाभाविक रूप से चल फिर सकती हैं तथा सांस ले सकती हैं जीवित या सजीव वस्तुएं कहलाती हैं।
जो वस्तुएं चल फिर नहीं सकती हैं तथा स्वसन किरिया नहीं कर सकती हैं अजीवित या निर्जीव वस्तुएं कहलाती हैं।
हम अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी ऐसी बस्ती है देखते हैं जो चल फिर सकती हैं लेकिन यह फिर भी निर्जीव कहलाती हैं। तथा कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जो एक ही स्थान पर खड़ी रहती हैं लेकिन फिर भी उन्हें जीवित माना जाता है।
उदाहरण के तौर पर आप कह सकते हैं कि पेड़ एक स्थान पर खड़ा रहता है लेकिन वह फिर भी जीवित होता है परंतु रेलगाड़ी एक स्थान से दूसरे स्थान पर चलती रहती है लेकिन फिर भी उसे निर्जीव कहा जाता है तो ऐसा क्यों है इसके पीछे क्या धारणा है आइए हम इन्हें उदाहरण के साथ समझते हैं।
1. गति ( Movement )
इस संसार में जितनी भी जीवित या सजीव वस्तुएं पाई जाती हैं उन सभी में गति होती है। यह गति उनकी अपनी इच्छा और शक्तियों के कारण होती है जैसे कि चलना फिरना, तैरना, पक्षियों का उड़ना, इत्यादि सभी जीवित माने जाते हैं।
पेड़ पौधे एक स्थान पर खड़े रहते हैं लेकिन यह सभी सजीव हैं क्योंकि
इसके विपरीत इस संसार में जितनी भी निर्जीव वस्तुएं हैं वे सभी अपनी स्वयं की शक्ति से नहीं चलती हैं उन्हें किसी बाहरी उर्जा से चलाया जाता है। जैसे की रेलगाड़ी का चलना एक कृतिम प्रक्रिया है। हवाई जहाज का उड़ना एक कृतिम प्रक्रिया है। इन सभी में हम डीजल या पेट्रोल को इंदन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। और इंजन की मदद से इसे चलाया या उड़ाया जाता है।
2. पोषण और वृद्धि ( Nutrition and Growth )
हमारी पृथ्वी पर जितनी भी जीवित प्राणी या जीवित जीव जंतु पाए जाते हैं। उन सभी को जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। यह सभी भोजन करके अपने शरीर की वृद्धि तथा अंगों का विकास करते हैं।
इसके विपरीत कितनी भी निर्जीव वस्तुएं इस संसार में पाई जाती है। उनमें से कोई भी भोजन नहीं करती है। ना ही उसके अंगों का विकास होता है। और ना ही उसमें न्यूट्रिशन तथा पोषण जैसी कुछ चीजें पाई जाती है।
3. सांस लेना ( Respiration )
इस संसार में जितने भी जीवित प्राणी पाए जाते हैं सभी जिंदा रहने के लिए हवा से सांस लेते हैं जिसमें ऑक्सीजन अंदर जाती है और बाहर निकल दिया। पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं। तथा ऑक्सीजन को बाहर निकालते हैं। इस प्रकार एक संपूर्ण इकोसिस्टम बन जाता है।
लेकिन जितनी भी बेजान बसते हैं उन्हें अपने अस्तित्व में रहने के लिए स्वयं के व्यय की आवश्यकता नहीं होती है।
4. प्रजनन ( Reproduction )
जितनी भी जीवित प्राणी या पेड़ पौधे पाए जाते हैं। उन सभी में अपने वंश या प्रजाति को बचाए रखने के लिए प्रजनन की क्षमता होती है। मानव समाज में बच्चों का जन्म लेना, पेड़ पौधों का बीज के द्वारा नए पेड़ पौधे बनाना, एक प्रकार की प्रजनन प्रक्रिया है। तथा यह प्रक्रिया सभी जीवित प्राणियों में देखने को मिलती है।
निर्जीव वस्तुओं में इस प्रकार का कोई भी क्रिया नहीं होती है।
5. उत्सर्जन ( Excretion )
सभी सचिव प्राणी उत्सर्जन क्या करते हैं. आपने देखा होगा हम सभी खाना खाने के बाद मल मूत्र का त्याग करते हैं यह प्रक्रिया ही उत्सर्जन कहलाती है। हमारी तरह ही जीव जंतु भी मल मूत्र का क्या करते हैं।
पेड़ पौधे भी ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालते हैं। तो यह सभी सजीवों के लक्षण हैं और केवल सजीवों में ही उत्सर्जन प्रक्रिया पाई जाती है।
जितनी भी निर्जीव वस्तुएं हमारी दुनिया में पाई जाती हैं वह कोई भी उत्सर्जन प्रक्रिया नहीं करती हैं।
6. संवेदनशीलता ( Sensitivity )
संवेदनशीलता एक ऐसा है जिसके अनुसार हम या सभी जीवित प्राणी व्यवहार करते हैं। मान लीजिए आप अचानक से किसी गर्म पदार्थ पर या गर्म वस्तु पर हाथ रख देते हैं तो तुरंत ही अपना हाथ पीछे हटा लेते हैं और यह कहते हैं कि काफी गर्म है।
तो यह एक प्रकार की संवेदनशीलता है हम जब कोई भी चीज खाते हैं। तो हमें कड़वाहट का एहसास होता है। और हम उस चीज को दोबारा खाने की कोशिश नहीं करते हैं। तो आसपास की चीजों के प्रति संवेदनशीलता ही सचिवों की प्रमुख प्रकृति है।
जितनी भी निर्जीव वस्तुएं हैं उनमें संवेदनशीलता का कोई गुण नहीं होता तथा भी अपने स्पर्श को और स्वाद को भी अनुभव नहीं करती हैं।
7. मृत्यु ( Death )
मृत्यु संसार का स्वास्थ्य पर सत्य है। इस संसार में जितने भी जीवित प्राणी जीव जंतु पेड़ पौधे पशु पक्षी पाए जाते हैं सभी एक दिन अपनी मृत्यु की अवस्था को प्राप्त करते हैं।
लेकिन जितने भी निर्जीव प्राणी है वह कभी भी मृत्यु को प्राप्त नहीं करते हैं। उनका दूसरी प्रक्रिया से जैसे अपघटन इत्यादि से विनाश होता है। लेकिन उन्हें मृत्यु जैसी कोई भी कृपया नहीं पाई जाती।
सजीव वस्तुओं के नाम
- मनुष्य
- पशु पक्षी
- पेड़ पौधे
- कीड़े मकोड़े
- कोशिकाएं
यह सभी जीवित माने जाते हैं इनकी अलग अलग प्रजातियां होती हैं और पृथ्वी पर लगभग अरबिया करोड़ों की संख्या में यह सभी जीवित प्राणी निवास करते हैं।
निर्जीव वस्तुओं के नाम
- धातुएं
- मिट्टी
- लकड़ी
- मकान
- पत्थर
- पहाड़
यह सभी निर्जीव वस्तु होती हैं।