आज हम उत्तक किसे कहते हैं? तंत्र किसे कहते हैं? और उत्तक के प्रकार इन सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो आइए शुरू करते हैं और देखते हैं कि उत्तक किसे कहते हैं?
उत्तक किसे कहते हैं?
एक प्रकार की कोशिकाओं के समूह को जो एक विशेष प्रकार का कार्य करती हैं उत्तर कहते हैं। अलग-अलग प्रकार का कार्य करने वाले उत्तक जब एक साथ मिलते हैं तो वह एक अलग भाग बनाते हैं। इसे ही हम अंग कहते हैं।
शरीर के अंगो का अलग आकार तथा कार्य करने की क्षमता और क्षमताओं में समन्वय होता है। जब शरीर के कई सारे अंग एक साथ मिलकर एक समन्वय में कार्य करते हैं तो उसे तंत्र कहते हैं।
तंत्र कई सारे अंगो का एक समूह होता है. यह सभी अंग नर्वस सिस्टम के द्वारा एक दूसरे को मैसेज पास करते हैं. और सिंक्रोनाइज तरीके से एक साथ काम करते हैं. इन सभी ango का काम अलग अलग है लेकिन फिर भी यह सब एक समन्वय से काम करते हैं। यह दूसरे से कनेक्ट रहते हैं।
मनुष्य के शरीर में कई प्रकार के system (तंत्र) पाए जाते हैं. इन सभी का अलग-अलग कार्य होता है. सभी की डिटेल में जानकारी नीचे दी गई है:
1. पाचन तंत्र digestive system
पाचन तंत्र का मुख्य कार्य भोजन को बचाना है। इसके अंतर्गत हमारे शरीर के मुख्य भाग जैसे कि पेट, अमाशय, लीवर, पित्त की थैली, इत्यादि कई सारे अंग आते हैं। यह सभी अंग मिलकर ही पाचन तंत्र का निर्माण करते हैं।
2. स्वसन तंत्र respiratory system
स्वसन तंत्र हमारे शरीर में सांस लेने की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार है। इसके अंतर्गत हमारे फेफड़े, श्वसन नली का, नासिका, इत्यादि सभी अंग जिम्मेदार होते हैं। श्वसन तंत्र का प्रमुख कार्य हवा से सांस को अंदर खींचना तथा बाहर छोड़ ना होता है।
3. परिसंचरण तंत्र circulatory system
परिसंचरण तंत्र शरीर में खून के सरकुलेशन या परिसंचरण के लिए जिम्मेदार होता है। खून का परिसंचरण मुख्य रूप से हमारे हृदय के द्वारा किया जाता है।
4. उत्सर्जन तंत्र excretory system
उत्सर्जन तंत्र का उपयोग हमारे शरीर में पाचन क्रिया के बाद बचे हुए अवशेष या अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। मल मूत्र का त्याग करना उत्सर्जन तंत्र के अंतर्गत आता है।
5. पेशी तंत्र Muscular System
पेशी तंत्र को मस्कुलर सिस्टम भी कहते हैं। मस्कुलर सिस्टम हमारे शरीर को गति प्रदान करता है। उठना बैठना चलना दौड़ना खाना-पीना यह सभी हमारी मसल से ही संभव हो पाता है।
6. कंकाल तंत्र skeletal system
कंकाल तंत्र में हमारे शरीर की सभी हड्डियां सम्मिलित होती हैं। हड्डियों के द्वारा ही शरीर को आधार मिलता है जिस पर हमारा बुनियादी ढांचा खड़ा होता है। मनुष्य के शरीर में लगभग 206 हड्डियां पाई जाती हैं।
7. तंत्रिका तंत्र nervous system
तंत्रिका तंत्र हमारे शरीर को ज्ञान करवाता है स्पर्श करना इत्यादि। तंत्रिका तंत्र हमारे शरीर के कार्यों पर नियंत्रण करता है।
8. जनन तंत्र reproductive system
जीव जंतु पाए जाते हैं पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए बच्चे पैदा करते हैं। यह प्रक्रिया जनन तंत्र के अंतर्गत आती है।
उत्तको के प्रकार
हमारे शरीर में मौजूद सभी उत्तर को को उनके काम करने की क्षमता तथा संरचना के हिसाब से निम्नलिखित चार भागों में बांटा गया है:
- उपकला उत्तक किया एपिथीलियम उत्तक
- पेशी उत्तक
- तंत्रिका उत्तक
- योजी उत्तक
1. उपकला उत्तक किसे कहते हैं
इन उत्पादों का मुख्य कार्य शरीर के अंगों की रक्षा करना है यह हमारे शरीर की बाहरी परत बनाते हैं तथा नाक, कान, गले, टेटवा , और आंतो की दीवार बनाते हैं।
शरीर की विभिन्न ग्रंथियां भी उपकला कोशिकाओं द्वारा ही बनी है। इन ग्रंथियों की उप कलाएं कोशिकाएं रस उत्पन्न करने का विशेष कार्य करती हैं।
यह कोशिकाएं विभिन्न कार्य करने के लिए विभिन्न रूप धारण करती हैं किंतु सभी की आधारभूत बनावट एक ही है उपकला कोशिकाएं अधिकांशत है स्तंभ आकार होती हैं और पर इस पर एक पंक्ति में सिटी होती है।
इनके बाहरी सिर पर छोटे-छोटे महीन बालों के समूह होते हैं जिन्हें हम रोए भी कहते हैं।
2. पेशी उत्तक किसे कहते हैं
ऐसी कोशिकाएं बहुत लंबी तथा बहुत पतली होती हैं इन्हें पेशी तंतु के नाम से पुकारा जाता है। सामान्यतः यह छोटी-छोटी पेशी तंतु एक साथ मिलकर बड़े मोटे बंडल बनाते हैं।
यह सभी तंतु योजी उत्तक के द्वारा एक दूसरे से बंधे रहते हैं। हाथ और पैरों की बड़ी पेशियां इसी का एक शानदार उदाहरण है। पेशी उत्तक में संकुचन तथा प्रसार का एक विशेष गुण होता है और इसी कारण यह शरीर के विभिन्न अंगों में गति उत्पन्न करती हैं।
पेशी तंत्र के संकुचन तथा प्रसार की खास बात यह है कि यह एक समय में एक ही दिशा मैं होता है।
पेशियों दो प्रकार की होती हैं:
- ऐच्छिक पेशी
- अनैच्छिक पेशी
ऐच्छिक पेशी: इन सभी पेशियों को हम अपनी इच्छा के अनुसार काम में लेते हैं जैसे हाथ पाव इत्यादि।
अनैच्छिक पेशी: यह सभी पेशियां प्राकृतिक रूप से कार्य करती हैं जैसे कि लीवर, फेफड़े, अमाशय, इत्यादि।
3. तंत्रिका उत्तक किसे कहते हैं
तंत्रिका कोशिकाओं को न्यूरॉन भी कहते हैं प्रत्येक तंत्रिका कोशिका में एक चौड़ा आकार होता है जिसे कोशिका काय या सेल काय कहते हैं. और दो या दो से अधिक हो जाए अथवा प्रोसेसर लगे होते हैं.
कोशिका काय का आकार गोल अंडा कार्य तार की भांति होते हैं. तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भागों में कोशिका काय का आकार तथा रूप भिन्न-भिन्न होते हैं. कुछ बहुत बड़े-बड़े तथा कुछ बहुत छोटे छोटे होते हैं तंत्रिका तंत्र से संबंधित मस्तिष्क और तंत्रिका का निर्माण इन तंत्रिका कोशिकाओं के द्वारा होता है.
तंत्रिका तंत्र का जाल पूरे शरीर में इस प्रकार से होता है कि शरीर के अंग का संपर्क मस्तिष्क से होता है. पैर में कांटा लगाने पर अचानक से पैर ऊपर उठाना तंत्रिका तंत्र के द्वारा ही संभव हो पाता है क्योंकि हमारे शरीर का बेरंग हमारे मस्तिष्क से डायरेक्ट कनेक्ट रहता है.
4. योजी उत्तक किसे कहते हैं
योजी उत्तक की कोशिकाएं इतनी लंबी और पतली होती हैं कि वे केवल धागे की तरह ही दिखाई देती हैं। यह कोशिकाएं परस्पर मिलकर पतले और मोटे सभी प्रकार के तंतु और बंडल बनाती हैं। जो एक जाल के रूप में फैले रहते हैं। इनका मुख्य काम दूसरे उत्तर को को एक दूसरे से संबंधित करना होता है।
यो जी उत्तक तंत्रिका कोशिकाओं और पेशी कोशिकाओं के बीच में तथा उपकला कोशिकाओं के नीचे रहती हैं। यह बैसाखी कोशिकाओं के नीचे रहती है। यह वसा कोशिकाओं सहित कचा के नीचे एक मोटी परत बनाती हैं और शरीर के विभिन्न खाली भागों में खाली स्थानों को भर देती हैं।
योजी उत्तक विभिन्न कोमल उसको को एक साथ बांधने तथा उन्हें मजबूत आधार प्रदान करने का काम भी करता है। अमाशय की मुलायम दीवारों, पेशियों की कंडरायण, तथा हड्डियों को बांधने वाले पट्टे सभी योजी उत्तक के ही बने होते हैं। इन्हें रेशेदार उत्तक भी कहते हैं।
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