हमारे मुख्य टॉपिक है अस्थि संस्थान क्या है? अस्थियों की रचना, अस्थियों के प्रकार, अस्थियों के आकार [ Asthi Sansthan kise kahate hai, Asthi kise kahate hain, aur asthi ke prakar ]
मानव शरीर ईश्वर की एक अनुपम संरचना है। अस्थि संस्थान पर आधारित हमारा शरीर एक प्रकार से मशीन की तरह काम करता है जोकि ऑटोमेटिक है। विभिन्न प्रकार की संधियों से अन्य तंत्र की सहायता से चलने वाला हमारा शरीर एक व्यवस्थित संगठन की तरह है। हमारे शरीर में स्थित विभिन्न प्रकार की हड्डियों से निर्मित ढांचे को अस्थि संस्थान या कंकाल तंत्र कहते हैं।
अस्थि संस्थान का निर्माण मां के गर्भ में ही हो जाता है। गर्भावस्था में पांचवे सप्ताह से हड्डियों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है तथा 9 महीने तक सभी हड्डियों का निर्माण पूरा हो जाता है।
कंकाल तंत्र को पूर्ण रूप देने में अस्थियों तथा उपास्थियो का पूर्ण योगदान देता है। अगर अस्थि और उपास्थि नहीं होंगी तो अस्थि संस्थान या मानव कंकाल की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
हड्डियां बाहर से देखने पर सॉलिड नजर आती हैं लेकिन अंदर से ये खोखली होती है। सभी हड्डियों के अंदर अस्थि मज्जा नामक पदार्थ भरा होता है जोकि देखने में गूदेदार होता है।
अस्थियों के आवरण को अस्थिच्छड (periosteum) कहते है। इनका निर्माण कैल्शियम, फास्फेट, कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैग्निशियम फास्फेट आदी खनिज पदार्थों के योग से होता है।
एक तरफ तो अस्थि संस्थान शरीर को बुनियादी ढांचा प्रदान करता है वहीं दूसरी ओर यह शरीर के आंतरिक अंगों को कार्य करने के लिए सुरक्षा कवच तथा कार्य करने के लिए उचित स्थान प्रदान करता है।
हमारे शरीर की मुख्य क्रियाएं हैं जैसे कि चलना, दौड़ना, उठना बैठना, खेलना कूदना, इत्यादि सभी कार्य अस्थि संस्थान के द्वारा ही संभव हो पाते हैं।
अस्थि संस्थान किसे कहते हैं?
मानव शरीर को आकार प्रदान करने के लिए अस्थियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बच्चे के जन्म के समय शरीर में लगभग 306 हड्डियां होती हैं परंतु जैसे-जैसे हमारी आयु बढ़ती है कुछ हड्डियां आपस में मिलकर एक बड़ी हड्डी का निर्माण करती है।
इस प्रकार युवावस्था तक आते-आते मनुष्य के शरीर में 206 हड्डियां शेष रह जाती हैं। यह हड्डियां एक दूसरे से विशेष संधियों के द्वारा संलग्न रहती हैं तथा एक विशेष प्रकार के तंत्र का निर्माण करती हैं।
हड्डियों की पर इस पर संधियों से एक विशेष प्रकार की संरचना बनती है जिसे हम अस्थि संस्थान ( Human Skeleton ) कहते हैं। दूसरे शब्दों में इसे मानव कंकाल भी कहा जाता है।
मानव शरीर में 206 हड्डियों का ढांचा होता है इसे ही हम अस्थि संस्थान या मानव कंकाल कहते हैं। बच्चों के अंदर हड्डियों की संख्या 206 से ज्यादा होती है। लेकिन जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती है। हड्डियों के जोड़ आपस में मिलकर बड़ी हड्डी का निर्माण कर लेते हैं। और बच्चों के शरीर में केवल 206 हड्डियां ही शेष रहती हैं।
मानव शरीर में पाया जाने वाला हड्डियों का तंत्र दो प्रकार का होता है:
- बाह्य कंकाल (Exo-Skeleton)
- अंत: कंकाल (Endo-Skeleton)
1. बाह्य कंकाल (Exo-Skeleton)
यह कंकाल शरीर की त्वचा से बाहर होता है इन्हें हम अपनी आंखों से भी देख सकते हैं. हमारे शरीर पर पाए जाने वाले नाखून, सर पर पाए जाने वाले बाल, तथा मुंह के अंदर मौजूद गांव यह सभी बाहरी कंकाल के उदाहरण है।
कुछ अन्य जीव जंतुओं में बाहरी कंकाल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं जैसे कि कछुए का कवच इत्यादि।
2. अंत: कंकाल (Endo-Skeleton)
यह कंकाल हमारी त्वचा के अंदर मौजूद रहता है। किसी के द्वारा हमारे शरीर को एक बुनियादी ढांचा प्राप्त होता है। जिसके द्वारा हम चल फिर सकते हैं तथा अपने सभी काम कर सकते हैं।
इसके साथ-साथ आंतरिक कंकाल हमारे शरीर के कोमल अंगों को व्यवस्थित करने के लिए उचित व्यवस्था भी प्रदान करता है।
अस्थियों की रचना ( structure of bone )
हमारे शरीर की सभी हड्डियां जीवित कोशिकाओं के द्वारा बनती हैं और बहुत ज्यादा कठोर होती है। अस्थियों का रंग सफेद होता है तथा अंदर से खोखला होती हैं। हड्डियों के अंदर अस्थि मज्जा भरा हुआ होता है।
कोमल हड्डियां कार्टिलेज से बनी होती है। बड़ी हड्डियों का ज्यादातर हिस्सा अंखियों से ही बना होता है। हड्डियों के जोड़ों के स्थान पर जहां ज्यादा झटका लगने का काम होता है वहां पर कार्टिलेज लगे होते हैं।
जिन स्थानों पर ज्यादा झटका या दबाव पड़ने की संभावना रहती है वहां पर कार्टिलेज या उपास्थि लगी होती है। जैसे कि लंबी हड्डियों के सिरे तथा कशेरुकाओं के संधि स्थान।
रासायनिक दृष्टि से हड्डियों में लगभग एक तिहाई भाग कार्बनिक पदार्थ होता है और दो तिहाई भाग खनिज पदार्थ होता है। कार्बनिक पदार्थ से हड्डी में मजबूती और लचीलापन आता है।
हड्डी के खनिज पदार्थों में कितने कलर होते हैं। इन लोगों में कैल्शियम फास्फेट की मात्रा विशेष रूप से अधिक होती है। खनिज पदार्थों से हड्डियों में कड़ापन और भंगुरता आती है।
जीवित अवस्था में हड्डियों के चारों ओर 1 झिल्ली पाई जाती है। हड्डियों के चारों ओर पाई जाने वाली झिल्ली को परीअस्थिक या पेरीओसटियम कहलाती है। जब इसकी वृद्धि होती है तो हड्डियों की मोटाई बढ़ती है।
सभी हड्डियों में रुधिर वाहिका ओके जाने के लिए या खून जाने के लिए छोटे-छोटे छिद्र या सुरंगे होती हैं। इन्हीं के द्वारा हड्डियों को पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
अस्थियों के प्रकार (Types of Bones)
वैसे तो मानव शरीर में कई प्रकार की हड्डियां पाई जाती हैं जो अपने अलग-अलग काम तो था अलग-अलग उपयोग के लिए जानी जाती है। जैसे कि खोपड़ी की हड्डी मस्तिष्क को सुरक्षा प्रदान करती है। तथा हाथ की हड्डियां मनुष्य को काम करने में सहायता प्रदान करती हैं।
तो उपयोग के आधार पर अतिथियों का वर्गीकरण एक अलग महत्व रखता है। परंतु हड्डी किस पदार्थ की बनी होती है यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है। इसी के आधार पर अस्थियों का वर्गीकरण किया जाता है।
हमारे शरीर में होने वाले कार्यों तथा हड्डियों की संरचना के आधार पर हड्डियों के दो प्रकार होते हैं:
- उपास्थि
- अस्थि
1. उपास्थि ( Cartilage )
उपास्थि चिकनी, लचीली, और चमकदार होती है। इनमें खिंचाव सहन करने की क्षमता होती है। उपास्थि से विशेषत: श्वास नली के छल्ले, मनुष्य की नाक के सिरे पर, कान के पिन ना, विभिन्न हस्तियों के संधि स्थल के मध्य उपास्थि की गद्दी होती है।
बच्चों की हड्डियों का ज्यादातर भाग उपास्थि का बना होता है। यही कारण है कि बचपन में जब चोट लग जाती है तो बच्चों की हड्डियां टूटती नहीं है। और बचपन से ही बच्चों को विशेष एक्सरसाइज के द्वारा अपनी हड्डियों को लचीलापन दिया जा सकता है।
जैसे जैसे बच्चों की वृद्धि होती है ठीक बस लेते उपास्थि अस्थि में परिवर्तित होती रहती है। यह हम कह सकते हैं कि कमजोर हड्डियां मजबूत होती रहती हैं।
2. अस्थि ( Bones )
मानव शरीर में पाए जाने वाली हड्डियां बहुत ही ज्यादा कड़ी, दृढ़ और भंगुर होती है। इनमे लचिलापन बहुत काम होता है।
जब किसी बड़े इंसान के कोई चोट लग जाती है तो उसकी हड्डियां सख्त होने के कारण टूट जाती हैं या उन्हें बाल आ जाते हैं।
मनुष्य के शरीर की सभी हड्डियां अंदर से खोखली होती है। इनमें अस्थि मज्जा भरा होता है। अस्थियाँ ही मानव शरीर को कंकाल प्रदान करती है।
अस्थियों के आकार
मानव शरीर में विभिन्न प्रकार की हड्डियां और विभिन्न आकार की अस्थियाँ पाई जाती हैं। अस्थियों के आकार के आधार पर भी इनका नामांतरण किया गया है जो कि कुछ इस प्रकार है:
अस्थियों के नाम
- गोल हड्डी
- छोटी अस्थि
- बड़ी अस्थि
- चपटी अस्थि
- विषम और विरूप अस्थि
1. गोल हड्डी किसे कहते है?
इन हड्डियों की ऊपरी सतह बहुत ही कठोर होती है लेकिन अंदर से खोखले होती हैं. इन हड्डियों को चलाने के लिए काफी ऊर्जा की जरूरत होती है. यह हमारे हाथ तथा पैर की कलाइयों में पाई जाती हैं जैसे कि:
- हाथ की कलाई की हड्डी
- पैर की एड़ी के कलाई की हड्डी
2. छोटी अस्थि किसे कहते है?
यह देखने में बहुत छोटी और पतली होती है। इससे हमारे शरीर के छोटे-छोटे अंगों का निर्माण होता है तथा उनकी कार्यप्रणाली निर्धारित की जाती है।
छोटी हस्तियों के उदाहरण
- हाथ पांव की उंगलियों की हड्डियां
- कान की हड्डी
3. बड़ी अस्थि किसे कहते हैं?
हमारे हाथ तथा पैरों में पाई जाने वाली हड्डियां सबसे लंबी हड्डी होती है यह अंदर से खोखली होती हैं तथा इनके अंदर अस्थि मज्जा भरा होता है. इन हड्डियों में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होने के लिए छोटी-छोटी सुरंग होती है.
- जांग की हड्डी
- बाजू की हड्डी
4. चपटी अस्थि किसे कहते है?
यह देखने में चपटे आकार की होती हैं इनका मुख्य काम शरीर के कोमल अंगों को सुरक्षा कवच प्रदान करना होता है.
वे सभी अस्थियां जो आकार में जोड़ी तथा मोटाई में पतली होती हैं चपटी अस्थि कहलाती हैं। इन अस्थियों का मुख्य कार्य शरीर के कोमल अंगों को सुरक्षा प्रदान करना होता है। इसका प्रमुख उदाहरण है खोपड़ी की हड्डि।
चपटी अस्थि के अन्य उदाहरण
- चेहरे की हड्डी
- कमर की हड्डी
- खोपड़ी की हड्डी
5. विषम और विरूप अस्थि किसे कहते है?
देखने में यह हटिया अलग-अलग प्रकार की आकृतियां रखती हैं लेकिन इनकी खास बात यह है कि यह काफी मजबूत होती है. इनके मुख्य द्वारा इस प्रकार हैं जैसे कि:
- रीड की हड्डी
- जबड़े की हड्डी
- कनपटी की हड्डी
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चपटी अस्थि किसे कहते है?
आकार में चौड़ी तथा मोटाई में पतली कवच नुमा अस्थि को चपटी अस्थि कहते हैं। इनका मुख्य कार्य शरीर के आंतरिक अंगों को सुरक्षा प्रदान करना होता है जैसे कि चेहरे की अस्थि।
अस्थियां कितने प्रकार की होती है?
अस्थियाँ दो प्रकार की होती है।
१ उपास्थि
२ अस्थि
अस्थि क्या है? [ Asthi Kise Kahate Hain ]
अस्थि कैल्शियम खनिज लवण से बनी एक कठोर तथा खोखली संरचना होती है जो शरीर को ढांचा प्रदान करती है।
अस्थि किस पदार्थ से बनती है?
अस्थियाँ।कैल्शियम और फास्फोरस पदार्थों से मिलकर बनती है
हड्डियों को मज़बूत कैसे करें?
हड्डियों को मजबूत करने के लिए हमें ऐसे पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसमें कैल्शियम तथा विटामिन सी भरपूर मात्रा में हो।
अस्थियों को मजबूत करने के लिए हमें दूध का सेवन करना चाहिए तथा आमला, मेथी दाना तथा अन्य अंकुरित दालों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।