दोस्तों हमने अभी तक अस्थि संस्थान और अस्थियों के प्रकार के बारे में पढ़ा है. आज हम अस्थियों का वर्गीकरण ( asthiyon ke vargikaran ) देखेंगे.
शरीर के भागों के अनुसार कंकाल के भी अलग-अलग भाग किए गए हैं. इन्हें मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है
जो कि इस प्रकार है:
- खोपड़ी
- धड़
अस्थियों का वर्गीकरण ( asthiyon ke vargikaran )
1. खोपड़ी
खोपड़ी 22 अलग-अलग प्रकार की हड्डियों से मिलकर बनी होती है इसे हम दोबारा से दो भागों में बांट देते हैं एक होता है कपाल और दूसरा होता है चेहरा।
- कपाल
- चेहरा
कपाल
यह 6 हड्डियों से मिलकर बनता है। इसे मानव शरीर की खोपड़ी भी कहते हैं।
- ललाटिका
- भित्तिकास्थि
- अनुकपाल अस्थि
- शंख़ास्थि
- जंतुकास्थि
- झरझारस्थि
कपाल की अस्थियों का वर्गीकरण
ललाटीका
यह हड्डी सिर के सामने की ओर होती है और माथा बनाती है। आंखें ओके बाहों के पास मुड़कर नीचे की ओर जाती है और इस प्रकार का कपाल का निचले आकार का निर्माण करती है।
भित्तिकास्थि
लल्ला टीका के बाद कपाल के ऊपर 2 चोड़ी हड्डियां होती हैं। यह सिर के बीच में जुड़ी होती है तथा लगभग सिर का ऊपर का गोल बाग तथा बगलो का भाग बनाती हैं। यह सिर की गोलाई के अनुसार कुछ मुड़ी हुई होती हैं इन्हें मध्य का अस्थि भी कहते हैं।
अनुकपाल अस्थि
कपाल में भित्ति का अस्थि के पीछे यह एक होती है और कपाल के पीछे के भाग तथा बगलो की गोलाई बनाती है। यह हड्डी अंदर की ओर कुछ मुड़कर कपाल की तली भी बनाती हैं।
शंख़ास्थि
कपाल के दोनों और भित्ति का अस्थि के नीचे एक एक हड्डी होती है। इस प्रकार शंख़ास्थि दो होती हैं। इस हड्डी में ही कान भी होते हैं। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे कनपटी की हड्डी भी कहते हैं।
जंतुकास्थि
यह हड्डी खोपड़ी की तली में लल्ला टीका के पीछे तथा अनु कपाल के आगे तथा दोनों शंख़ास्थि के बीच में फैली रहती है।
झरझारस्थि
लल्ला टीका के पीछे तली के शेष भाग में यह हड्डी रहती है। इसमें नाक के दोनों तरफ छिद्र वाला भाग रहता है।
कपाल बनाने वाली सभी हड्डियां इस प्रकार जुड़ी होती हैं कि बाहर से देखने पर हमें केवल एक ही हड्डी मालूम पड़ती है। हमें इन में किसी भी प्रकार का कोई जोड़ नजर नहीं आता है।
यही कारण है कि जब हम नवजात शिशु के सिर पर हाथ रखते हैं तो हमें कहीं कहीं पर गड्ढे नजर आते हैं। लेकिन जैसे जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है यह हड्डियां बड़ी और कठोर हो जाती हैं। तथा एक ठोस आकृति का निर्माण करती है जिसे कपाल कहते हैं।
चेहरा
चेहरा 14 अलग-अलग हड्डियों से मिलकर बना होता है जिन्हें 8 भागों में बांटा गया है जो कि निम्न प्रकार हैं।
चेहरा की अस्थियों का वर्गीकरण
निचला जबड़ा
यह हड्डी नीचे का जबड़ा बनाती हैं। चेहरे की हड्डियों में यह सबसे ज्यादा बड़ी और सबसे ज्यादा मजबूत हड्डी होती हैं। यह हड्डी बहुत ज्यादा विरूप होती है। इसका आकार नाल के जैसा होता है।
यह भाग चेहरे पर t का ठुड्डी निर्माण करता है। इसमें दांतो के लिए 16 गड्डे होते है।
ऊपरी जबड़ा
यह दो विरूप अस्थ्यो से मिलकर बना होता है। जिनमे से एक दाहिनी और तथा दूसरी बाई और रहती है।
हाँ एक हड्डी में दाँतो के लिए 8-8 गड्ढे बने होते हैं। इसका उपेर का भाग तालु की छत तथा नाक की निचली सतह बनता है। इसका दूसरा किनारा गाल बनता है।
नाक की हड्डी
नाक के ऊपरी भाग में ललाटिका के नीचे दो छोटी हड्डियाँ होती है। जो दोनो आँखो के बीच में परस्पर मिलकर नाक का सेतु बनती है।
सीरीका हड्डी
यह सीप के आकार की एक छोटी हड्डी होती है। जो नासिका के भीतर का पिछला अंश बनती है।
अश्रुबा अस्थियाँ
ये दो होती है। यह काग़ज़ की भाती पतली और कोमल होती है।जो आँखो के बाहरी कोरों की और होती है। यह इस प्रकार मुड़ी होती है की एक नलिका सी बन जाती है और आंशु इसी नली से निकलते है।
तालु की अस्थियाँ
ये दो छोटी हड्डियाँ और तालु बनती है।
कपोलस्थि, गंडाअस्थि
प्रत्येक और आँख और कँपाती के नीचे एक एक उभरी हुई हड्डी होती है। जो कपोलस्थि कहलाती है।
शुक्तिभा
ये दो छोटी छोटी हड्डियाँ होती है। जो नाक के दोनो और एक एक स्थित है। इनका आकार कुछ कुछ बेलनाकार होता है।
2. धड़
इस भाग में गर्दन से लेकर जांघों तक का भाग सम्मिलित है। धन के मध्य में एक पेशी होती है जो इसे 2 लगभग बराबर भागों में बांटती है। यह पेशी मध्य पार्टि यां डायग्राम कहलाती है।
मध्यप्र के ऊपरी भाग में जिसे वक्षगुहिका कहते हैं बहुत सी हड्डियां हैं। सामने की ओर बीच में उरोस्थि, स्टर्नम, या छाती की हड्डी होती है। पीछे पीठ की और बीच में रीढ़ की हड्डी होती है।
यह पूरे धड़ की लम्बाई की होती है। छाती की हड्डी के दोनो और पशलियाँ रहती है। जो आगे की और छाती की हड्डी से तथा पीछे की और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी रहती है।
मध्यपट के निचले भाग को उदर कहते है। इसमें पीछे की और रीढ़ की हड्डी, तथा नीचे की और श्रेणी मेखला रहती है। इस मेखला में मूत्राशय और स्त्रियों में गर्भाशय आदि अंग होते है।