आज हम पढ़ेंगे प्रत्यय किसे कहते हैं? ( Pratyay Kise Kahate Hain ), प्रत्यय के प्रकार, प्रत्यय के उधारण।
प्रत्यय किसे कहते हैं?
प्रत्यय वे शब्दांश होते है जो किसी शब्द के बाद में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते है। जैसे मीठा शब्द में आइ शब्द जोड़कर मिठाई शब्द बन जाता है। यहाँ पर आइ प्रत्यय है।
प्रत्यय का अर्थ
प्रत्यय को अंग्रेज़ी में Suffix कहते है। यह दो शब्दों से मिलकर बनता है: प्रति + अय
यहाँ पर प्रति का अर्थ होता है साथ में परंतु बाद में (पीछे ) और अय का अर्थ होता है चलने बाला।
इसलिए प्रत्यय शब्द का अर्थ होता है शब्द के पीछे लगने बाला।
अर्थात् वह शब्द जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके नए स्वरूप या एकदम नए शब्द का निर्माण करता है प्रत्यय कहलाता है।
प्रत्यय के प्रकार
प्रत्यय को किसी शब्द के अंत में जोड़ा जाता है। जैसे “सौभाग्य” के अंत में “वती” जोड़ने पर सौभाग्यवती हो जाता है। अंत में जुड़ जाने वाले शब्दों के मात्रा के अनुसार प्रत्यय को दो भागों में बांटा गया है जो कि इस प्रकार है:
प्रत्यय दो प्रकार के होते है।
- कृत प्रत्यय
- तध्दित प्रत्यय
कृत प्रत्यय
क्रियाओं में धातुरूप के बाद लगने बाले शब्दांशो को कृत प्रत्यय कहा जाता है। जैसे की पढ़ धातु में आई शब्दांश लगने से पढ़ाई शब्द बनता है। इस प्रत्ययों को जोड़कर संज्ञा, विशेषण तथा अव्यय शब्दों की रचना भी की जा सकती है।
उधारण
पढ़ + आइ = पढ़ाई
चतुर + आइ = चतुराई
धातु + प्रत्यय = शब्द
- भल + आई = भलाई
- पा + आवना = पावना
- समझ + औता = समझौता
- बैठ + क = बैठक
- चाट + नी = चाटनी
- पीस + औनी = पिसौनी
- झूल + आ = झूला
- कस + औटी = कसौटी
- बेल + ना = बेलना
- बेल + नी = बेलनी
- खेल + आड़ी = खिलाड़ी
- बढ़ + इया = बढ़िया
- मर + इयल = मरियल
- भाग + ओड़ा = भगोड़ा
- सुहा + वना = सुहावना
- मिल + सार = मिलनसार
- पढ़ + ता = पढ़ता
- मर + ता = मरता
- लिख + आ = लिखा
- धो + आ = धोया
- गा + आ = गाया
- सो + ता = सोता
- सूच + अना = सूचना
- उड़ + आन = उड़ान
- ढल + आन = ढलान
- रत + अंत = रटंत
तध्दित प्रत्यय
धातु के अतिरिक्त संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों में जुड़कर नवीन शब्दों की रचना करने बाले शब्दांशो को तध्दित प्रत्यय कहा जाता है। जैसे भला शब्द में आई शब्द जोड़कर भलाई शब्द बनता है।
उधारण
भला + आई = भलाई
प्रत्यय के उधारण
आई = भला से भलाई, भरना से भराई, पढ़ना से पढ़ाई।
वट = लिखावट, सजावट, बनावट, दिखावट, सजावट,।
हट = घवराहट, वकलाहट, अकुलाहट।
ता = महानता, अज्ञानता, कविता, सुंदरता, मधुरता, दयालुता ।
त्व = महत्व, गुरुत्व, बंधुत्व, एकत्व, कवित्व।
वाँ = पाँचवा, आठवाँ, छठवाँ, दसवाँ।
पन = आपनापन, बचपन, भोलापन, नीचपन, पागलपन।
वा = वुलावा, दिखावा, पहनावा,
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