यह पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है| शरीर के कुल ऊर्जा का 80% भाग इसी से प्राप्त किया जाता है कार्बोहाइड्रेट कार्बन हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मिलने से बने पदार्थ है.
यह अक्सीजन की उपस्थिति में चलकर हमारे शरीर में गर्मी के रूप में उर्जा उत्पन्न करते हैं तथा शरीर का ताप एक सा सकते हैं लाल और अग्न्याश्यिक रस के प्रभाव से स्टार्ट पाचन योग्य चीनी के रूप में बदल जाता है और तब हमारी रक्त कोशिकाएं उसे अपने मैं सोख लेती हैं.
यह शरीर के अंत: स्रावो , शरीर की ग्रंथियों के स्त्रावो में सहायक होती है.
प्राप्ति के स्रोत
- अनाज -गेहूं, चावल, जो, चना, बाजरा, मक्का आदि|
- सक्कर युक्त पदार्थ – , चीनी, गुड, शहद, बुरा, चकुंदर, गन्ना, खजूर, अंगूर, आदि|
- सब्जियां- आलू, अरबी, शकरकंद, सिंघाड़ा, कद्दू आदि|
- फल- सेब, अमरूद, पपीता, साबूदाना, केरला, नाशपाती आदि|
कार्बोहाइड्रेट की कुल मात्रा का 70% भाग अनाजों से तथा शेष 30% भाग विभिन्न फलों व मेवो से प्राप्त करते हैं| अधिकांश वनस्पतिक पदार्थों से प्राप्त होता है|
कार्बोहाइड्रेट के प्रकार –
कार्बोहाइड्रेट जल में घुलनशील तक के आधार पर दो प्रकार के होते हैं|
1. ठंडे जल में घुलनशील –
इसमें अधिकांश मीठे स्वर्गीय कार्बोहाइड्रेट आते हैं जैसे- चीनी, गुड, सिरा शहद आदि|
2. गर्म जल में घुलनशील –
इसके अंतर्गत अनाज चाहते हैं जैसे -, गेहूं, चना, बाजरा, चावल, मक्का, कच्चा आम आदि|
कार्बोहाइड्रेट के कार्य –
कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए निम्न कार्य करता है|
1.शरीर के ताप का नियंत्रण करना-
यह सर्दियों में शरीर को गर्म बनाए रखने का कार्य तापमान का नियंत्रण बनाए रखता है|
2. कैल्शियम का अवशोषण –
लेक्टोज के रूप में कार्वोज कुछ बैक्टीरिया की वृद्धि करता है, जिससे आंतों की कोशिकाओं में कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ जाती है|
3. प्रोटीन की बचत-
कार्वोज के प्रचलन से शरीर को प्राप्त मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती रहती है लेकिन इसी कमी होने पर ऊर्जा उत्पादन का कार्य प्रोटीन को ही करना पड़ता है जिससे प्रोटीन का कार्य बढ़ जाता है| कार्वोज की पर्याप्त मात्रा ग्रहण करने से प्रोटीन अपना कार्य सुचारू रूप से करता रहता है|
4.ऊर्जा प्रदान करना –
यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है इसके लिए पहले सभी भोज्य पदार्थों गुलकोज में बदला जाता है तनहाई ग्लूकोस का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा प्राप्त की जाती है|
5.बसा की बचत –
यह वसा के आक्सीकरण को सामान्य बनाए रखता है पर्याप्त मात्रा में कार्वोज ग्रहण करने से शरीर में वसा की भी बचत होती है|
6.वसा के ऑक्सीकरण को धीमा करना –
यह वसा के ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को धीमा करता है जिससे प्रसाद का पाचन वह संग्रह आसान हो सके| पाचन क्रिया सही ना होने पर वसा के पाचन में अनियमितता होने से कीटॉसिस नामक बीमारी हो जाती है जिससे शरीर कमजोर होने लगता है|
7. मल विसर्जन में सहायक-
कार्वोज पाचन संस्थानों को स्वस्थ बनाए रखता है| रेशेदार भोजन के रूप में इसका सेवन करने से यह आमाशय में आत्र मार्ग की मांसपेशियों की गति को उत्तेजित करता है|
कार्बोहाइड्रेट की कमी से हानियां-
- इसके शरीर में कमी होने से ऊर्जा में कमी आती है जिससे ठंड लगती रहती है|
- कार्बोहाइड्रेट की कमी से व्यक्ति दुर्बल तथा रोगी सा लगने लगता है|
- जैविक क्रियाओं को फोन करने में ऊर्जा की कमी महसूस होती है जिससे व्यक्ति को कमजोरी व थकावट महसूस होती है|
- इसकी कमी होने पर लगातार संग्रहित ग्लाइकोजन का प्रयोग होता है जिस से मांसपेशियां कमजोर होने लगती है|
- इसकी कमी होने पर ऊर्जा उत्पादन का कार्य प्रोटीन व वसा को करना पड़ता है| जिससे शरीर के प्रोटीन की कमी से व्यक्ति कमजोर होने लगता है क्योंकि प्रोटीन अपना निर्माण का कार्य नहीं कर पाता|
कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से होने वाले रोग या हानियां –
कार्वोज कि शरीर में अधिकता मैं ग्लाइकोजन के रूप में मांस पेशियों में तथा यकृत में एकत्र हो जाता है इसकी अधिकता से निम्न हानियां होती है|
- रक्तचाप बढ़ जाता है|
- शरीर में ग्लूकोस की अधिक मात्रा आने से या शरीर में से बिना प्रयोग किए ही मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है|
- व्यक्ति आलसी वह निष्क्रिय हो जाता है तथा कुछ भी कार्य करने पर सिर की थक जाता है|
- इसके अधिक मात्रा वसा कणों में परिवर्तित होकर मांस पेशियों में एकत्र होने लगती है जिससे शरीर अधिक मोटा और थुलथुला हो जाता है| इसी मोटापे को ओबेसिटी कहते हैं साथ ही मोटापे से अनेक प्रकार की बीमारियां में परेशानियां होने लगती है|
- इसकी अधिकता से पाचक ग्रंथियों पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि पाचन तंत्र को इसे पचाने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है साथ ही कब्ज रहने लगता है|
कार्बोहाइड्रेट की दैनिक आवश्यकता –
दिनभर कठिन परिश्रम करने वाले व्यक्तियो की इसकी सर्वाधिक मात्रा की आवश्यकता होती है| एक सामान्य व्यक्ति जिसका वजन लगभग 55 किलोग्राम हो उसको लगभग 450 ग्राम कार्वोज युक्त भोजन की आवश्यकता होती है| यह मात्रा न्यूट्रिटीन वैल्यू आफ इंडियन स्कूल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन हैदराबाद के अनुसार है|