दांत किसे कहते हैं Dant Kise Kahate Hain

दांत किसे कहते हैं Dant Kise Kahate Hain

दांत किसे कहते हैं? Dant Kise Kahate Hain, दाँतो के प्रकार, Types of Teeth, दाँतो की संरचना, Structure of Teeth।

Teeth दांत किसे कहते हैं?

मनुष्य के मुख में जो भोजन को चबाने का कार्य करते है उन्हें दांत कहते है दांत बहुत उपयोगी होते है जन्म के समय बच्चे के मुख में एक भी दांत नही होता है इसलिए बचपन में बच्चे को कोई भी ऐसी वस्तु नही दी जाती जिसे वह पचा नही पता है| बच्चे के मुख में दांत 5-6 महा की अवधि में निकलने शुरू हो जाते है सबसे पहले वच्चे के निचले वाले जबड़े में दांत निकलने शुरू होते है सबसे पहले बच्चे के मुख में दो दांत निकलते है| धीरे – धीरे मुख में इनकी संख्या बढती जाती है और इनकी संख्या एक जबड़े में 16 होती है| मनुष्य के मुख में दो प्रकार के दांत पाए जाते है |

अस्थायी दांत [ दूध के दांत ]-

अस्थायी दांतों को दूध के दांत भी कहते है ये बच्चे की काफी छोटी उम्र में निकलने शुरू हो जाते है यह 3 वर्ष की अवधि में लगभग 27 दांत निकल आते है ये दांत बहुत कमजोर होते है क्योकि बच्चे का मुख्य आहार दूध होता है और यही करण है की इन्हे दूध के दांत कहा जाता है| 5 वर्ष किआयु के बाद ये भी दांत धीरे -धीरे गिरने शुरू हो जाते है और ये दांत जब गिरनी शुरू होते है हो इनमे बहुत दर्द होता है कभी कभी इन से खून आने लगता है|

स्थायी दांत [ अन्न के दांत ]-

स्थायी दांत अस्थायी दांतों के स्थान पर निकलते है|जैसे – जैसे अस्थायी दांत गिरते रहते वैसे वैसे स्थायी दांत निकलते रहते है इन दांतों में समयकी वृध्दि के साथ कठोरता बढती रहती है ये इन दांतों से मनुष्य भोजन के बड़े – बड़े कड़ो को सफलता से बारीक़ पिस लेता है जिसे दांतों को अन्न के दन्त भी कहते है इनकी संख्या दोनों जबडो में 16-16 होती थी परन्तु वर्तमान समय में जबड़े का आकर कम हो जाने के करण इनकी संख्या में कमी आई है

दांतों के प्रकार [ Types of Teeth ]

दांत चार प्रकार के होते है |

1.कृन्तक दांत या छेदक दांत –

ये साने के चार दांत होते है और इन्ही को कृन्तक दांत कहते है ये चपटे व् तेज होते है ये भोजन को बाहर से पकडकर चीरने व काटने का कार्य करते है| ये बहुत तेज होते है|

2. रनदंक दांत –

इनकी संख्या दोनों जबड़े में दो दो होती है ये कृन्तक के बाद वाले दन्त होते है ये दांत बहुत नुकीले होते है ये भोजन को पकडकर फाड़ने का कार्य करते है मांस हारी जानवरों में ये दांत बहुत अधिक विकसित होते है ये मांस को फाड़ने में बहुत ही लाभ करी होते है|

3.अग्रचवर्णक दांत –

ये रनदंक दांत के पीछे के दन्त होते है और 2-2 दाढ़े होती है इनके उपसी सिरा चकोर होता है जो भोजन को पिसने का कार्य करता है|

4.चवर्णक दांत –

अग्रचवर्णक ठीक पीछे तिन – तिन चवर्णक दांत होते है ये भोजन को महीन पिसने का कार्य करते है इन्हे अक्ल दाढ भी कहते है ये लगभग 25-30 वर्ष की उम्र में निकलते है |

दांतों की संरचना [ Structure of Teeth ]-

दांत का जितना भाग हमे दिखाई देता है उतना ही भाग मसुडो के अंदर छुपा होता है सामान्यत: देखने पर मसुडो का आकर समान दिखाई देता है इसी आधार पर दांतों को तिन भागो में विभाजित किया गया है |

1.शिखर-

मसुडो का उपरी भाग जो दिखाई देता है उसे सिखर कहते है ये चमकीला होता है जिसे इनेमल कहते है इनेमल मानव शरीर का सबसे मजबूत अंग होता है|जब दांतों का इनेमल खराब हो जाता है तो वह पीले दिखने लगते है|

2.ग्रीवा –

मसुडो के अंदर का जो भाग होता है उसे ग्रीवा कहते है|

3.मूल –

ग्रीवा के निचे का सिरा मूल या जड खलती है जबड़े की हड्डी के बिच में जो छिद्र होते है दांत उन्हें में मजबूती से फसे रहते है |

जबड़े की हड्डी में जो छिद्र होते है उन्हें दंत स्रोत कहते है कृन्तक में 1-1 जड होती है रनदंक की जड़ और ज्यादा बड़ी होती है अग्चरवर्णक दांतों में भी एक मजबूत मूल पाया जाता है|उपर के चवर्णक दांतों में एक एक जड होती है परन्तु निचे के दांतों में दो दो मूल होती है |

दांत जो भीतर से खोखले होते है खोखले भग को मज्जू गुहा कहते है|इसमे मुलायम गुदा जैसा मज्जा भरा होता है|दांत जिस चीज से बनता है उसे डेटिन कहते है|यह बहुत कड़ा होता है|इसके उपर अक परत होती है जिसे इनेमल कहते है| इसका लगभग 95%भाग खनिज का होता है ग्रीवा वाले भाग में डेटिन के उपर अक अन्य पदार्थ पाया जाता है जिसे सीमेंट कहता है|

दांतों की सुरक्षा [ Safety of Teeth ]-

  1. मनुष्य को अधिक गर्म व अधिक ठंडी चीजे नही खानी चाहिए| और ठंडी तथा गर्म चीजें एक साथ तो बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए। मान लीजिए आप गरमा गरम ताजा-ताजा खाना खा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में आप को आइसक्रीम या ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए इससे आपके बातों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचेगा।
  2. आएस्क्रिम, चाकलेट आदि वस्तुओ को खाने के बाद कुल्ला करना चाहिए| आइसक्रीम और चॉकलेट में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसके कारण यह हमारे दांतो में चिपक जाती है। इससे दाँतों को नुकसान होता है।
  3. भोजन के पश्चात कुल्ला जरुर करना चाहिए| कुल्ला करने से दांतों में फंसे हुए अन्य के कारण बाहर निकल जाते हैं और दांत साफ हो जाते हैं। इससे हमारे दांतों में सड़न नहीं होती है तथा दांतों में कीड़ा कि नहीं लगता है।
  4. रात्रि को सोने से पूर्व तथा प्रात: उठने से पूर्व दाँतो को ब्रश से साफ करना चाहिए| जब हम शाम को खाना खाते हैं तो हमारे रातों में कुछ भोजन के कारण फंसे रह जाते हैं जिन्हें बाहर निकालना बहुत जरूरी होता है। और सोने से पहले ब्रश करना हमारे दांतो की सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
  5. दाँतो की अंगुली से मालिस अवस्य करे जिसे मसुडो को पकड़ मजबूत होती है| दांतो को मसूड़ों के द्वारा ही मजबूती से पकड़ा जाता है अगर मसूड़े ही मजबूत नहीं रहेंगे तो दांत भी गिर जाएंगे। इसलिए हमें दिन में दो-तीन बार या फिर हम जितने भी बार खाना खाते हैं अपने मसूड़ों की मसाज जरूर करनी चाहिए।
  6. पान, सुपारी, बीडी आदि का धुँआ दाँतो की पकड़ कमजोर कर देता है|
  7. तम्बाकू दाँतो के चमक को खराव क्र देता है| इसमें पाए जाने वाले तमाम हानिकारक पदार्थ दातों पर चिपक जाते हैं और उन्हें अंदर से खोखला करना शुरू कर देते हैं। इसीलिए हमें इन सब चीजों के परहेज करना चाहिए।

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