कुपोषण क्या है? | Kuposhan Kya Hai? Malnutrition Hindi

कुपोषण क्या है? | Kuposhan Kya Hai? Malnutrition Hindi

कुपोषण क्या है? ( Kuposhan Kya Hai ), Malnutrition यह किस कारण से होता है और इस से कैसे बचा जा सकता है? आज हम इसके बारे में पढ़ेंगे।

कुपोषण को समझने से पहले हमें पोषण को समझना होगा।

पोषण का अर्थ

हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है जिस प्रकार मशीन को चलने के लिए बिजली और मेंटेनेंस की जरूरत होती है ठीक वैसे ही हमारे शरीर को काम करने के लिए पोषक तत्व और खनिज लवण की जरूरत होती है।

पोषक तत्वों का नियमित मात्रा में तथा संतुलित मात्रा में प्रतिदिन शरीर को मिलना पोषण कहलाता है।

यह वे तत्व होते हैं जिनके द्वारा शरीर का पोषण होता है यह हम आसान भाषा में कह सकते हैं कि शरीर का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। पोषण मतलब पोषक तत्वों का संतुलित भोजन के माध्यम से शरीर में पहुंचना।

कुपोषण (Kuposhan) या Malnutrition

जैसा कि हमने अभी जाना शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और ऊर्जा हमें हमारे भोजन से मिलती है। भोजन में पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनसे शरीर का पोषण होता है। जिससे हमारा आवश्यक शारीरिक और मानसिक विकास होता है तथा हमें ऊर्जा मिलती है। और हम अपने दैनिक कार्य कर पाते हैं।

वहीं पर यदि हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाए। यह हमारे शरीर को पोषक तत्व मिलने बंद हो जाए या कम हो जाए तो ऐसी स्थिति में हम कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।

कुपोषण दो शब्दों से मिलकर बना है: कु + पोषण। यहाँ पर कु का अर्थ होता है रहित और पोषण का अर्थ होता है पोषक तत्व। अर्थात् जब शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो उसको कुपोषण कहते है।

पोषक तत्व की कमी से शरीर भी हो जाता है तथा निम्नलिखित लक्षण प्रकट होने लगते हैं। प्रतिदिन असंतुलित भोजन ग्रहण करना ही कुपोषण कहलाता है।

कुपोषण के लक्षण

  1. शरीर की कार्य क्षमता क्षीण होना।
  2. थकावट का शीघ्र अनुभव होना।
  3. चेहरे का पीलापन व आलस्य।
  4. खनिजो व vitamins की कमी से रोगों का उत्पन्न होना।
  5. आयु के अनुशार लम्बाई और भार में कमी होना।
  6. त्वचा खुरदरी व त्वचा की सुंदरता में कमी।
  7. बाल रूखे होकर झड़ने लगते हैं व असमय बालों का सफ़ेद होना।
  8. पाचन क्रिया की क्षीणता व मांसपेशियों में ऐठन होना।
  9. रक्त की कमी से एनिमिया होना।
  10. आँखो की रोशनी कम हो जाती है व व्यक्ति का शरीर दुर्वल हो जाता है।

संतुलित भोजन की कमी से कुपोषण होता है जिससे व्यक्ति का शरीर रोगी बना रहता है। अतः प्रति व्यक्ति के लिए सभी पोषक तत्व से युक्त संतुलित भोजन करना आवश्यक है।

कुपोषण के कारण

कुपोषण (malnutrition) दो प्रकार से होता है:

  1. पोषक तत्वों की कमी
  2. पोषक तत्वों की अधिकता

अतः सभी व्यक्तियों का सभी पोषक तत्वों से युक्त संतुलित भोजन करना आवश्यक है। कुपोषण मुख्यतः निम्न करणो से होता है:

आर्थिक कारण

हमारे देश के अधिकतर जनता गरीब है। इस कारण व्यक्ति को कभी कभी भरपेट पौष्टिक भोजन तक नहीं मिल पाता है। जिससे व्यक्ति का शरीर कुपोषित हो जाता है।

महंगाई प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है और मध्यम वर्गीय परिवार तथा गरीब परिवार अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए महंगे फल तथा सब्जियां नहीं खरीद पाते हैं। जिसके कारण उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।

परिवार की आर्थिक स्थिति कुपोषण के लिए जिम्मेदार हैं इसमें हमारे देश की सरकार को ध्यान देना चाहिए तथा गरीबों का उत्थान और रोजगार का प्रबंध भी करना चाहिए।

ज्ञान की कमी

सरकार के प्रयासों से आजकल शिक्षा तो सभी लोगों को मिल जाती है परंतु भोजन का ज्ञान सभी लोगों को नहीं हो पाता है। यही कारण है कि हमारे समाज के ज्यादातर लोग अपने खानपान में उचित न्यूट्रिशन युक्त खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल नहीं कर पाते और कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।

पोषक तत्वों की कमी

कभी-कभी मनुष्य किन्ही कारणों से एक जैसा ही खाना खाता रहता है। इससे उसके द्वारा खाए जाने वाले भोजन में उपयुक्त पोषक तत्व तो ज्यादा हो जाते हैं परंतु जो पोषक तत्व उस भोजन में नहीं है उनकी कमी हो जाती है।

इस कारण से मनुष्य ना चाहते हुए भी पोषक तत्वों की कमी या कुपोषण का शिकार हो जाता है।

ओबेसिटी

यह रोग शरीर में पोषक तत्वों की अधिकता के कारण होता है। जिससे शरीर में वसा की मात्रा की अधिकता हो जाती है। अधिक वसा जमा होने के कारण शरीर में आलस्य, सुस्ती, थकान, शुगर, थाइरॉड, ब्लड प्रेशर आदि की समस्या हो जाती है।

आदतें

कुछ लोगों को अधिक तले भुने खाद्य पदार्थ खाने का शोक होता है। यह शरीर को नुक़सान करता है। कुछ लोगों को।किसी एक प्रकार के खाने की इतनी ज्यादा लत होती है कि उससे उसके शरीर में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है

तथा नियमित रूप से एक ही पदार्थ खाने से शरीर में दूसरे खाद्य पदार्थों की कमी हो जाती है और उसका संतुलित भोजन का सिस्टम गड़बड़ा जाता है। इसके साथ-साथ वह आलस्य के कारण एक्सरसाइज या दूसरे व्यायाम नहीं कर पाता है।

हमारे शरीर में भोजन के साथ-साथ कुछ नियमित एक्सरसाइज तथा प्राणायाम की भी आवश्यकता होती है जो शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति करती है। एक्सरसाइज करने से और प्रणाम करने से शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति होती है तथा हमारे शरीर की कार्य क्षमता बढ़ती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी दुरुस्त होती है।

खाने का लालची

कुछ लोग खाने पीने के मामले में बहुत लालची होते है। ये लोग केबल पैसे बचाने के चक्कर में संतुलित भोजन नही ले पाते है। अरे भाई स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपत्ति है। और यदि आपके पास स्वास्थ्य ही नहीं रहेगा तो आप उस धन का क्या करोगे।

मैंने देखा है लोग पैसा कमाने के चक्कर में खाना पीना भी छोड़ देते हैं जिससे उनकी फ्री में काफी सारी बीमारियां हो जाती है। और बाद में उस पैसे को अपनी बीमारियों के इलाज में ही लगाते हैं।

पैसा कमाना तो अच्छी बात है लेकिन उसके साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी संपत्ति है।

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