ता प्रत्यय से शब्द बनाइए | 10 Ta Pratyay Se Shabd Banaiye

ता प्रत्यय से शब्द बनाइए | 10 Ta Pratyay Se Shabd Banaiye

दोस्तों ता प्रत्यय शब्द के अंत में लगता है और शब्द के अर्थ को परिवर्तित करता है। आज हम यहाँ पर ता प्रत्यय से शब्द बनाइए, ता प्रत्यय से 2 शब्द बनाइए, ता प्रत्यय से 4 शब्द बनाइए, ता प्रत्यय से 10 शब्द बनाइए इन सभी विषयों पर चर्चा करेंगे।

Ta Pratyay Se Shabd [ ता प्रत्यय से शब्द ]

ता प्रत्यय से शब्द Ta Suffix se Shabd

 

इन शब्दों के अंत में ता प्रत्यय जोड़ कर उनके रूप और अर्थ में परिवर्तन किया जाता है।

ता प्रत्यय से 2 शब्द

  1. महान + ता = महानता
  2. अज्ञान + ता = अज्ञानता

ता प्रत्यय से 4 शब्द

  1. दयालु + ता = दयालुता
  2. कोमल + ता = कोमलता
  3. एक + ता = एकता
  4. अनेक + ता = अनेकता

ता प्रत्यय से 5 शब्द

  1. मिल + ता = मिलता
  2. खिल + ता = खिलता
  3. लिख + ता = लिखता
  4. दिख + ता = दिखता
  5. सिमट + ता = सिमटता

ता प्रत्यय से 10 शब्द

  1. लोकप्रिय + ता = लोकप्रियता
  2. सफल + ता = सफलता
  3. मनुष्य + ता = मनुष्यता
  4. वह + ता = वहता
  5. चल + ता = चलता
  6. जल + ता = जलता
  7. फल + ता = फलता
  8. मल + ता = मलता
  9. सम + ता = समता
  10. लघु + ता = लघूता 

ता प्रत्यय का अर्थ [ Meaning of Ta Pratyay ]

सभी प्रत्यय वह शब्द होते हैं जो किसी शब्द के अंत में लग कर उसके वास्तविक अर्थ को परिवर्तित करके एक नया अर्थ प्रदान करते हैं। 

ठीक वैसे ही ता प्रत्यय का अर्थ किसी शब्द के अंत में लग कर उसका अर्थ परिवर्तित करना होता है। जैसे महान शब्द में ता प्रत्यय लगाने से महानता शब्द बनता है और इसका अर्थ भी बदल जाता है।

ता प्रत्यय लगाकर तीन शब्द बनाइए 

ता प्रत्यय से बनने बाले तीन शब्द इस प्रकार हैं:

  1. उपयोग + ता = उपयोगिता 
  2. लघु + ता = लघुता 
  3. लांघ + ता = लांघता 

ता प्रत्यय से बनने बाले शब्द 

  1. विवेक + ता = विवेकता
  2. विद्या + ता = विद्याता
  3. सफल + ता = सफलता
  4. प्रेम + ता = प्रेमता
  5. दया + ता = दयालुता
  6. सहायक + ता = सहायकता
  7. ज्ञान + ता = ज्ञानता
  8. आत्म + ता = आत्मता
  9. भगवान + ता = भगवानता
  10. सहिष्णुता + ता = सहिष्णुतता
  11. निष्कलंकता + ता = निष्कलंकतता
  12. परिश्रम + ता = परिश्रमता
  13. शान्ति + ता = शान्तिता
  14. संगीत + ता = संगीतता
  15. धैर्य + ता = धैर्यता
  16. सहयोग + ता = सहयोगता
  17. समर्थ + ता = समर्थता
  18. प्रेम + ता = प्रेमता
  19. सुन्दर + ता = सुन्दरता
  20. धैर्य + ता = धैर्यता
  21. जागरूक + ता = जागरूकता
  22. सफल + ता = सफलता
  23. नम्र + ता = नम्रता
  24. साहस + ता = साहसता
  25. बलिदान + ता = बलिदानता
  26. आदर + ता = आदरता
  27. प्रामाणिक + ता = प्रामाणिकता
  28. स्वास्थ्य + ता = स्वास्थ्यता
  29. धर्म + ता = धर्मता
  30. योग्य + ता = योग्यता
  31. आत्मविश्वास + ता = आत्मविश्वासता
  32. संगठन + ता = संगठनता
  33. समझदार + ता = समझदारता
  34. विचारशील + ता = विचारशीलता
  35. जिम्मेदार + ता = जिम्मेदारता
  36. प्रिय + ता = प्रियता
  37. विकल्प + ता = विकल्पता
  38. बौद्धिक + ता = बौद्धिकता
  39. नियम + ता = नियमता
  40. श्रद्धा + ता = श्रद्धाता
  41. सहानुभूति + ता = सहानुभूतिता
  42. प्रकृति + ता = प्रकृतिता
  43. अद्भुत + ता = अद्भुतता
  44. सहयोग + ता = सहयोगता
  45. आत्मनिर्भर + ता = आत्मनिर्भरता
  46. समर्पण + ता = समर्पणता
  47. प्रतिबद्ध + ता = प्रतिबद्धता 
  48. न्यायप्रिय + ता = न्यायप्रियता 
  49. आधुनिक + ता = आधुनिकता 
  50. सहज + ता = सहजता

ता प्रत्यय से बने शब्दों का वाक्य प्रयोग 

  • विवेकता: उसकी विवेकता ने उसे सही दिशा में ले जाया।
  • विद्याता: विद्याता ने उसे ज्ञान की ओर प्रवृत्त किया।
  • सफलता: सफलता का सफर अक्सर संघर्ष से भरा होता है।
  • प्रेमता: उनकी प्रेमता ने उनकी दोस्ती को मजबूत किया।
  • दयालुता: उसकी दयालुता ने गरीबों को मदद करने में मदद की।
  • सहायकता: सहायकता के बिना, कई लोग अकेले मुश्किलों का सामना नहीं कर सकते।
  • ज्ञानता: उसकी ज्ञानता उसे विभिन्न क्षेत्रों में माहिर बनाती है।
  • आत्मता: आत्मता से भरपूर व्यक्ति आत्माओं की समझ और भावनाओं की कद्र करते हैं।
  • भगवानता: भगवानता की ओर प्रयासरत जीवन दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकता है।
  • सहिष्णुतता: उसकी सहिष्णुतता उसे विविध विचारों और धार्मिक प्राथमिकताओं का सम्मान करने में मदद करती है।
  • निष्कलंकतता: उसकी निष्कलंकतता उसके व्यवहार में पावर और अंतर्निहित सादगी का प्रतीक है।
  • परिश्रमता: उसकी परिश्रमता ने उसे उनके लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद की।
  • शान्तिता: शान्तिता से भरपूर मनुष्य तनाव और आंशिकता के बावजूद शांति और समता का पालन करते हैं।
  • संगीतता: उसकी संगीतता उसके जीवन में खुशियों की धारा डालती है।
  • धैर्यता: धैर्यता से संबले व्यक्ति संकटों का सामना करने में सफलता प्राप्त करते हैं।
  • सहयोगता: सहयोगता की आदत व्यक्ति को समृद्धि और समाज में स्थान बनाने में मदद करती है।
  • समर्थता: उसकी समर्थता उसे मुश्किल समस्याओं को सुलझाने की क्षमता प्रदान करती है।
  • प्रेमता: उनकी प्रेमता उनके जीवन को रंगीन और महत्वपूर्ण बनाती है।
  • सुन्दरता: सुन्दरता सिर्फ दिखावे की बजाय, आंतरिक और बाह्य रूपरेखा में भी होनी चाहिए।
  • जागरूकता: जागरूकता समाज में सुधार और विकास की मार्गदर्शन कर सकती है।
  • सफलता: सफलता की प्राप्ति में परिश्रम, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
  • नम्रता: नम्रता से युक्त व्यक्ति अपने संबंधों में समझदारी और संवाद का माहौल बनाते हैं।
  • साहसता: साहसता से परिप्रेक्ष्य में डर को पार करने की क्षमता आती है।
  • बलिदानता: बलिदानता की भावना उन्हें अपने समाज और देश के लिए निष्ठा दिखाती है।
  • आदरता: उनकी आदरता उनकी वृद्ध दादी के प्रति गहरी सम्मान की दिशा में दर्शाती है।
  • प्रामाणिकता: प्रामाणिकता से व्यक्ति के विचार और व्यवहार में ईमानदारी की गुणवत्ता होती है।
  • स्वास्थ्यता: स्वास्थ्यता व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उसे सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
  • धर्मता: धर्मता व्यक्ति को उसके आचरण में नैतिकता और इमानदारी की दिशा में रखता है।
  • योग्यता: उसकी योग्यता ने उसे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रगति दिलाई।
  • आत्मविश्वासता: आत्मविश्वासता से युक्त व्यक्ति संघर्षों का सामना करते हैं और अपने मानसिक दृढ़ता को बढ़ते हैं।
  • संगठनता: संगठनता व्यक्ति को कार्यों को प्राथमिकता देने में मदद करती है और समय का सफल प्रबंधन करती है।
  • समझदारता: समझदारता वाले व्यक्ति कार्यों के लिए सही फैसले लेते हैं और दूसरों के साथ समझदारी बरतते हैं।
  • विचारशीलता: उसकी विचारशीलता उसे नई और नवाचारी विचारों को समझने और अपनाने में मदद करती है।
  • जिम्मेदारता: जिम्मेदारता व्यक्ति को उसके कार्यों के लिए उत्तरदायी बनाती है और उसे संविदानिक तरीके से दायित्व निभाने का बोझ उठाती है।
  • प्रियता: उनकी प्रियता और सजीवता उन्हें दोस्तों और परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाती है।
  • विकल्पता: विकल्पता की उपयोगिता व्यक्ति को अलग-अलग विकल्पों को देखने और चुनने में मदद करती है।
  • बौद्धिकता: उनकी बौद्धिकता ने उन्हें नए और सरल समाधानों का संकेत दिया।
  • नियमता: नियमता से जीवन में दिनचर्या और संगठन होता है।
  • श्रद्धाता: श्रद्धाता अपने ईश्वर के प्रति अपनी विशेष भक्ति की दिशा में दर्शाता है।
  • सहानुभूतिता: सहानुभूतिता से युक्त व्यक्ति दूसरों के दर्द और दुख को समझते हैं और मदद करते हैं।
  • प्रकृतिता: प्रकृतिता से भरपूर व्यक्ति प्राकृतिक सौन्दर्य को सराहते हैं।
  • अद्भुतता: उसकी अद्भुतता ने उसके कल्पना क्षमता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
  • सहयोगता: सहयोगता वाले लोग समाज में सदय और सामंजस्यपूर्ण रिश्तों को बढ़ावा देते हैं।
  • आत्मनिर्भरता: आत्मनिर्भरता वाले व्यक्ति अपने स्वाधीनता को महत्वपूर्ण मानते हैं और स्वयं का सामर्थ्य स्थिति में लाने के लिए कठिन प्रयास करते हैं।
  • समर्पणता: समर्पणता से भरपूर व्यक्ति अपने कार्यों को दिल से समर्पित करते हैं।
  • प्रतिबद्धता: प्रतिबद्धता से संघर्षों का सामना करने का साहस और समर्पण आता है।
  • न्यायप्रियता: न्यायप्रियता से संबले व्यक्ति न्याय और सच्चाई की प्राथमिकता को बनाते हैं।
  • आधुनिकता: आधुनिकता की दिशा में बदलाव और तकनीकी उन्नति होती है।
  • सहजता: सहजता वाले लोगों के साथ बिना किसी परेशानी के संबंध बनाने में मदद करती है।

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