श्री राम रक्षा स्तोत्र: आदर्श मन्त्र परम्परा का अद्भुत रत्न
भारतीय संस्कृति में मंत्रों का अत्यंत महत्व है। ये मंत्र धार्मिक एवं आध्यात्मिक उन्नति के साधन होते हैं जो मनुष्य को अपार शक्ति एवं स्वयं को समर्थ बनाने में सहायक होते हैं। भारतीय धरोहर में से एक ऐसा मंत्र है "श्री राम रक्षा स्तोत्र" जो भगवान श्री राम की प्रशंसा में गाया गया है और इसे रटने एवं चाँटने से संसार की सभी परेशानियों का नाश होता है।
श्री राम रक्षा स्तोत्र का महत्व:
श्री राम रक्षा स्तोत्र सम्पूर्ण रामायण के आदिकांड में आता है और यह मंत्र विश्वास किया जाता है कि रामायण के महाकाव्य में श्री राम द्वारा लक्ष्मण के साथ राजा सुग्रीव के द्वारा भगवान हनुमान के प्राणोपासना के बाद रचा गया था। इस मंत्र के पठन से भक्त की सभी आशाएं पूरी होती हैं, संतान सुख, धन एवं समृद्धि का लाभ मिलता है, साथ ही शारीरिक और मानसिक रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
श्री राम रक्षा स्तोत्र के लाभ:
रक्षा कवच:
श्री राम रक्षा स्तोत्र में रामायण के प्रमुख चरित्रों की रक्षा के लिए शक्तिशाली मंत्र हैं जो व्यक्ति को भयभीत नहीं होने देते। यह एक प्रकार का कवच है जो भक्त को अभिभूत करके सभी अशुभ शक्तियों से रक्षा करता है।
ध्यान एवं ध्येय स्थापना:
श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति मननशील बनता है और साधक अपने जीवन का उद्देश्य तय करने में सक्षम होता है। यह मंत्र उन्हें ध्यान में स्थिर करता है और उनके चिन्तन शक्ति को बढ़ाता है।
शारीरिक एवं मानसिक शक्ति:
श्री राम रक्षा स्तोत्र के प्रतिदिनी पाठ से व्यक्ति की शारीरिक ताकत बढ़ती है और उन्हें मानसिक चुस्ती मिलती है। इस मंत्र का नियमित जाप स्वस्थ रहने में सहायक होता है और दिमाग को ताजगी देता है।
कष्टों से मुक्ति:
श्री राम रक्षा स्तोत्र के जाप से व्यक्ति अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पा सकता है। यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों को प्रतिकार करता है और जीवन में सकारात्मकता को बढ़ाता है।
समाप्ति:
श्री राम रक्षा स्तोत्र भगवान राम के चरित्र एवं गुणों की प्रशंसा में समर्पित है जो व्यक्ति को न केवल शारीरिक बल प्रदान करता है बल्कि उसके मानसिक और आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होता है। इसलिए, श्री राम रक्षा स्तोत्र का नियमित पाठ करके भक्त अपने जीवन की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं।
कृपया ध्यान दें: श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से पहले आपको इसका उच्चारण सही ढंग से सीखना चाहिए और यह विधि से पाठ करना अनिवार्य है। अगर आप इसे सही ढंग से पढ़ेंगे तो इसके अद्भुत लाभ मिलेंगे।
कृपया ध्यान दें: यह लेख श्री राम रक्षा स्तोत्र के महत्व एवं लाभों का परिचय करने के लिए है और इसे धार्मिक विश्वासों का मोहने वाला विषय नहीं है। आपको इसे सिर्फ धार्मिक संस्कृति का एक अंश मानकर इसके बारे में समझना चाहिए।
श्री राम रक्षा स्तोत्र:
श्री राम रक्षा स्तोत्र
दोहा:
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा वसन्तं हृदयारविंदे भवं भवानीसहितं नमामि॥
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
आजनुभाहुशचरण श्रीधरं पद्मासिताध्युतविक्रमं। नारायणं भीषणं भद्रकालं मृत्युमृत्युँ पाहिं नारायण॥
कोसलेन्द्रः श्रीरामदासरग्ये श्रीसितामात्रुभवे। स्वामिन्साम्परये श्रीरामायणे मामलङ्कर ध्याये॥
अवगुण्ठित गुणसमुद्र मग्नं दशग्रीवं दृष्ट्वा दशाननम्। नमामि रामं रणरङ्गधीरं रावणीशं रविमच्युतं॥
नेलिनेत्रं दातवदंबरेशं राघवं रक्षोवधारिणामध्यम्। नागेन्द्रहारं गगनमण्डलं नामामि रामं रसभूषणार्थम्॥
महाबलः सर्वशक्तिमान्वज्रहस्तो धनुर्धरोऽजगदप्रभुः। रामं रक्षं मां करणारविन्दे सर्वस्वरूपं सदाशिवं भजे॥
नेत्राभ्यां बिब्रतं शान्तमासाद्य लक्ष्मणेशं रविनन्दनम्। काकुत्स्थं दशमुखान्तकं रामं रक्षाम्यहम् रक्षे शरणम्॥
इति श्री बुधकौशिक विरचितं श्रीराम रक्षा स्तोत्रं सम्पूर्णम्॥
इस राम रक्षा स्तोत्र को प्रतिदिन पाठ करने से आपको संसार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और आपका जीवन सकारात्मकता और शांति से भर जाता है। भगवान श्री राम आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें और आपको सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाएं।